Janjhali: Paradise on the Earth
|
Landscape at Janjehli
|
Janjahli, a distance of 90 km from the district headquarters,
is a paradise offering beautiful views up to a height of 3,300 meters. There is
immense potential from the point of view of tourism but there is an urgent need
to improve the condition of the roads of the area so that they can be made
comfortable and fun for traveling. However, the roads here are connected to
many places in the district which are open in all seasons except for a few
weeks of winter. It takes about 3 hours from Mandi via Baggi, Chail Chowk and
Thunag. Passing through the dense forest of deodar and the beautiful
|
Snow covered Janjehli
|
valleys
here attract tourists easily. The liturgy here makes people feel like mini
Switzerland. Janjhali is also very popular for adventure activities like
trekking, night safari, mountaineering and skiing. At a distance of 19 km from
here is the Shikari Mata Temple which is the most popular place here. Most
people come to this temple by jeep or car but trackers prefer to walk from
Janjhali only to enjoy the geographical beauty of the place. Trekkers can go to
Kamarunag temple on foot from the hunter mother, but for this they should have
tents as there is no suitable place for night stay on the way.
जंजैहली : धरती पर स्वर्ग
जिला
मुख्यालय से 90 किमी की दूरी जंजैहली
एक स्वर्ग है जो 3,300 मीटर
की ऊंचाई तक के खूबसूरत
नज़ारे
|
Shikari Mata Temple
|
पेश करता है। पर्यटन की दृष्टि से
यहाँ पर अपार संभावनाएं
हैं लेकिन
उसके लिए क्षेत्र की सड़कों की
हालत को सुधारने की
अतिआवश्यकता है जिससे इन्हें
यात्रा के लिए आरामदायक
और मजेदार बनाया जा सके। हालाँकि
यहाँ की सड़कें जिला
के अनेक स्थानों से जुड़ी हुई
है जो सर्दियों के
कुछ हफ्तों को छोड़कर सभी
मौसमों में खुली रहती है। मंडी से बग्गी,
चैल
चौक और थुनाग होते
हुए यहाँ तक पहुंचें में
लगभग 3
घंटे लगते हैं। देवदार के घने जंगल
के बीच में से होते हुए
गुजरना और यहाँ की
सूंदर घाटियां पर्यटकों को सहज ही
आकर्षक कर लेती हैं।
यहाँ की वादियां लोगों
को मिनी स्विटज़रलैंड का अहसास करवाती
हैं|
जंजैहली साहसिक गतिविधियों जैसे ट्रेकिंग,
नाइट सफारी,
पर्वतारोहण और स्कीइंग के
लिए भी काफी लोकप्रिय
है। यहाँ से 19
किमी की दूरी पर
शिकारी माता मंदिर है जो यहाँ
सबसे लोकप्रिय
स्थान है|
इस मंदिर में
अधिकतर लोग जीप या कार से
आते हैं लेकिन ट्रैकर्स जंजैहली से ही पैदल
आना पसंद करते हैं जिसे यहाँ की भौगोलिक सुंदरता
का आनंद ले सके|
ट्रैकर्स शिकारी
माता से ही पैदल
कमरुनाग मंदिर जा सकते हैं
लेकिन इसके लिए उनके साथ टेंट होने चाहिए क्योंकि रास्ते में रात्रि ठहराव के लिए को
उपयुक्त स्थान नहीं है|
0 Comments